मंगलवार, 5 अप्रैल 2011


कीजिए बात तो बात करेगी


लगेगी सदा यह व्यक्ति है गंगा।


भीगिए आप भिगायेगी ये नित


भावना है यह भक्ति है गंगा।


कीजिए प्यार दुलार इसे


अनुराग भरी अनुरक्ति है गंगा ।


पीजिये ले अंजुरी -अंजुरी


यह जीवन दायिनी शक्ति है गंगा ॥


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