रविवार, 17 जून 2012

विभास है गंगा

विश्व विमोहिनि ,राक्षस द्रोहिनि ,
वैभव ,वाणी विलास है गंगा .
बिंदु से सिन्धु है मोहित इन्दु है 
हिन्द सुखी की विकास है गंगा .
माता है ,दाता है ,भाग्य विधाता है 
लोगन का ये विश्वास  है गंगा .
जीवन ज्योति कभी नहीं सोती है 
विष्णुपदी है विभास है गंगा।.

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