मंगलवार, 26 जून 2012

पधारी हो गंगा


दीन दुखी बड़े सभ्य सुखी 
सच में सबकी महतारी हो गंगा . 
नेक जनों को तो तारी ही हो बड़े
 पातकियों को भी तारी हो गंगा .
है इतिहास असंख्य जनों का 
तू जीवन जन्म सुधारी हो गंगा .
औ '  भवलोक के शोक मिटाने 
के हेतु धरा पे पधारी हो गंगा

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