बुधवार, 5 जनवरी 2011

भूमा औ भूमिका भोगवती,
उद्धारिणी अत्ता प्रणाम है गंगा ।
उस्रा वसुंधरा तग्या वितन्वी,
महा गुणवत्ता प्रणाम है गंगा ।
भद्रा हिमाद्रिजा हंसपदी ,
जननी सुरसत्ता प्रणाम है गंगा ।
तू मिषती घृतधारा मधुस्रवा,
पृश्नी अभिद्धा प्रणाम है गंगा ।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें