गंगा
शंकरी , भेषज रूपा कहे
विषहंत्री कहे शिवदा तुम्हें गंगा ।
मंगला, दक्षा , कहे रेवती
बृहती, सुवृषा, वरदा तुम्हें गंगा ।
मन्दाकिनी , जग जाह्नवी जाने
बखाने शिवा, क्षणदा तुम्हें गंगा ।
देवनदी कोई देवधुनी
कोई हेमवती, ननदा , तुम्हें गंगा ॥
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