स्वर्ग से आई हुई भुविलोक में
अद्भुत ब्रह्म विधान है गंगा ।
स्वर्ग जो जाना हैं चाह रहे
उनके लिए दिव्य विमान है गंगा ।
स्वर्ग से सागर मध्य विछी
जलरूप में एक वितान है गंगा ।
स्वर्ग तो स्वर्ग धरा तो धरा ॥
दिन रात के मध्य विहान है गंगा
अद्भुत ब्रह्म विधान है गंगा ।
स्वर्ग जो जाना हैं चाह रहे
उनके लिए दिव्य विमान है गंगा ।
स्वर्ग से सागर मध्य विछी
जलरूप में एक वितान है गंगा ।
स्वर्ग तो स्वर्ग धरा तो धरा ॥
दिन रात के मध्य विहान है गंगा
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