मंगलवार, 10 जनवरी 2012

विधान है गंगा ।


स्वर्ग  से  आई   हुई    भुविलोक में
अद्भुत   ब्रह्म    विधान    है  गंगा ।
स्वर्ग   जो     जाना    हैं   चाह   रहे
उनके लिए  दिव्य विमान है गंगा ।
स्वर्ग   से   सागर     मध्य    विछी
जलरूप  में  एक    वितान है गंगा ।
स्वर्ग   तो   स्वर्ग   धरा  तो   धरा
दिन  रात  के  मध्य विहान है गंगा

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