सारी धरा जिस पे बलि जा रही
उत्तम एक विचार है गंगा।
बाधक रोग वियाधि की है सदा
बूंद में अमृत धार है गंगा।
आयुष देती निरंतर ही, संसार
असार की सार है गंगा।
राजा औ रंक का भेद न जानती
मुक्ति विमुक्ति अधार है गंगा।
उत्तम एक विचार है गंगा।
बाधक रोग वियाधि की है सदा
बूंद में अमृत धार है गंगा।
आयुष देती निरंतर ही, संसार
असार की सार है गंगा।
राजा औ रंक का भेद न जानती
मुक्ति विमुक्ति अधार है गंगा।
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